tag:blogger.com,1999:blog-4116567036464990465.post8767839285787487414..comments2023-03-21T19:32:07.137+05:30Comments on बेमक़सद: मुस्कराते रहिए ‘घनचक्कर’ के चक्कर में फंसकरAjay Garghttp://www.blogger.com/profile/15891322869918194461noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4116567036464990465.post-36635343006167114772013-06-29T22:36:13.778+05:302013-06-29T22:36:13.778+05:30भाई सच में सालों ने पका दिया। आपने सही पकडा उबासी ...भाई सच में सालों ने पका दिया। आपने सही पकडा उबासी लेने के अलावा लोग कुछ नहीं कर सकते हैं। ैामैं जिस हॉल में था वहां दो बंदे सो गए थे। <br />धर्मेन्द्र चौहान जबलपुर Anonymousnoreply@blogger.com