नई ग़ज़ल
दिल में तेरा ही ग़म है कितना अच्छा मौसम है हंसना रोना जो भी है दुनिया तुमसे हमदम है झूठ कहा कि तेरे हैं ये कहना भी क्या कम है आंखों आगे मौत खड़ी फिक्र तेरी ही हर दम है
चलते-फिरते जारी रहे...मुलाक़ातों का सिलसिला