तुम्हारे लिए - 3
1)
परबत-सा अडिग होता हूँ मैं
दुनिया के सामने
मोम-सा गलने लगता हूँ
तुम्हारे सामने पड़ते ही...
ये क्या से क्या होता जा रहा हूँ मैं
तुमसे प्यार होने के बाद
झूठ लगती हैं मुझे
औरों की कही हर बात
तुम्हारे झूठ को
जानते हुए कि झूठ है ये
सच मानने को जी करता है...
किस भूलभुलैयाँ में खोता जा रहा हूँ मैं
तुमसे प्यार होने के बाद
आँखों की खिड़कियों पर
पलकों का परदा करते ही
उभरने लगते हैं रंग-बिरंगे अक्स तुम्हारे
वक़्त-बेवक़्त करता हूँ आँखें बंद
और मौका निकाल लेता हूँ
तुम्हें अपने सामने लाने का...
हज़ारों रंग के इन्द्रधनुष बोता जा रहा हूँ मैं
तुमसे प्यार होने के बाद
2)
तुम्हारी कही हर बात
बात नहीं गीत थी
देर तक गुनगुनाता रहा जिन्हें
तुम्हारा लिखा हर शब्द
शब्द नहीं रीत था
जीने का सलीका मान चला जिन्हें
लबों से फूटी हँसी
झरने की कल-कल थी जैसे
आँखें बंद करके सुनी जिसकी खनखनाहट
तुम्हारा वो अचानक छू लेना
पारसमणि था मानो
पल-पल निखरता गया मैं
तुम्हारा वो मुड़कर मुस्करा देना
किसी तस्वीर से कम नहीं
सहेज लिया जिसे यादों के पन्नों पर
तुम्हारे होने का मतलब
रंग है, दुआ है, उम्मीद है, उल्लास है
तुम्हारे न होने का मतलब
हर शै उदास है...
परबत-सा अडिग होता हूँ मैं
दुनिया के सामने
मोम-सा गलने लगता हूँ
तुम्हारे सामने पड़ते ही...
ये क्या से क्या होता जा रहा हूँ मैं
तुमसे प्यार होने के बाद
झूठ लगती हैं मुझे
औरों की कही हर बात
तुम्हारे झूठ को
जानते हुए कि झूठ है ये
सच मानने को जी करता है...
किस भूलभुलैयाँ में खोता जा रहा हूँ मैं
तुमसे प्यार होने के बाद
आँखों की खिड़कियों पर
पलकों का परदा करते ही
उभरने लगते हैं रंग-बिरंगे अक्स तुम्हारे
वक़्त-बेवक़्त करता हूँ आँखें बंद
और मौका निकाल लेता हूँ
तुम्हें अपने सामने लाने का...
हज़ारों रंग के इन्द्रधनुष बोता जा रहा हूँ मैं
तुमसे प्यार होने के बाद
2)
तुम्हारी कही हर बात
बात नहीं गीत थी
देर तक गुनगुनाता रहा जिन्हें
तुम्हारा लिखा हर शब्द
शब्द नहीं रीत था
जीने का सलीका मान चला जिन्हें
लबों से फूटी हँसी
झरने की कल-कल थी जैसे
आँखें बंद करके सुनी जिसकी खनखनाहट
तुम्हारा वो अचानक छू लेना
पारसमणि था मानो
पल-पल निखरता गया मैं
तुम्हारा वो मुड़कर मुस्करा देना
किसी तस्वीर से कम नहीं
सहेज लिया जिसे यादों के पन्नों पर
तुम्हारे होने का मतलब
रंग है, दुआ है, उम्मीद है, उल्लास है
तुम्हारे न होने का मतलब
हर शै उदास है...
Comments
जो मन में आता है, उसे लिख देता हूँ.. बिना किसी लाग-लपेट के..
प्रेम की बात हो तो उसमें सीधे-साफ़ जज़्बात के अलावा कुछ होना खुद को भ्रम में रखना है..
रंग है, दुआ है, उम्मीद है, उल्लास है
तुम्हारे न होने का मतलब
हर शै उदास है...
सच ही कहा
हर शै उदास है